बदल जाती है मतलब से मतलब से नये चेहरे लाती है। बदल जाती है मतलब से मतलब से नये चेहरे लाती है।
चलो, आज फिर से रिश्तों को, प्रीत के रंग से संवारते हैं। चलो, आज फिर से रिश्तों को, प्रीत के रंग से संवारते हैं।
उधार की खुशियां लेने की, कभी चाह हम ना करें। उधार की खुशियां लेने की, कभी चाह हम ना करें।
हारे हुए बन्दे को भी बाजी जीता जाती हैं। हारे हुए बन्दे को भी बाजी जीता जाती हैं।
घर पर इंतज़ार करती, माँ को उसके लाल की, दस्तक दरवाज़े पर, राहत पहुँचाती है ! घर पर इंतज़ार करती, माँ को उसके लाल की, दस्तक दरवाज़े पर, राहत पहुँचाती...
हमने एकता का तिंरगा लहराया है विविधताओं में भी एकता है हमने एकता का तिंरगा लहराया है विविधताओं में भी एकता है